📖 (Nayyar Shaikh • ऑडियो फॉर्मेट • इब्न-कसीर की किताब पर आधारित • अत्यंत असरअंगेज़ इस्लामी पोस्ट)

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कायनात की तख़्लीक़ के बाद अब शुरू होती है इंसानियत की पहली कहानी—हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) की तख़्लीक़। यह वह मुक़ाम है जहाँ अल्लाह ने अपनी रहमत, अपनी कुदरत और अपने नूर से एक ऐसे इंसान को पैदा किया जो आगे चलकर तमाम इंसानों का बाप बनने वाला था।


यह पोस्ट Nayyar Shaikh के खूबसूरत अंदाज़े-बयान और इमाम इब्न-कसीर की किताब क़िस्सास-उल-अंबिया की रोशनी में तैयार की गई है।

इसके अंदर आपका पुरا असरअंगेज़ ऑडियो भी एम्बेड किया जाएगा ताकि पढ़ने और सुनने दोनों से रूह को सुकून मिले।


🌍 आदम (अ.स) की तख़्लीक़ – एक नूरानी शुरुआत

अल्लाह तआला ने जब इस ब्रह्मांड को मुकम्मल कर दिया, तब उसने ऐसा मक़सद पेश किया जो फ़रिश्तों के लिए भी नया था।

अल्लाह ने फ़रमाया:
“मैं धरती पर अपना एक ख़लीफ़ा बनाने वाला हूँ।”

यानी एक ऐसी मख़लूक़ जो सोच सके, समझ सके, सीख सके, और हक़-बात को आगे बढ़ा सके।

फरिश्तों ने हैरानी से पूछा कि क्या वह मख़लूक़ फ़साद करेगी?
अल्लाह ने जवाब दिया:
“मैं वह जानता हूँ जो तुम नहीं जानते।”

यहीं से शुरू होता है एक नूरानी सफर—इंसानियत का सफर।


🧡 मिट्टी से लेकर रूह तक – आदम (अ.स) का बनना

अल्लाह ने अलग-अलग तरह की मिट्टियाँ लेकर हज़रत आदम (अ.स) का जिस्म बनाया। धीरे-धीरे वह जिस्म इंसानी रूप लेने लगा। फिर एक ऐसा लम्हा आया जब अल्लाह ने अपने हुक्म से उसमें रूह फूँक दी। और मिट्टी का एक पुतला अचानक ज़िंदगी बन गया। एक ऐसी ज़िंदगी… जिसमें इल्म है, अक़्ल है, नूर है और इंसानियत का पूरा सफर छुपा है। यही वह पल था जब फ़रिश्ते सज्दे में गिर पड़े

क्योंकि यह सज्दा इंसान की इबादत नहीं, बल्कि अल्लाह के अम्र की ताज़ीम थी।


👼 इब्लीस का इनकार – घमंड का पहला जुर्म

जब तमाम फ़रिश्तों ने सज्दा किया, इब्लीस खड़ा रहा। उसने कहा:
“मैं आग से बना हूँ और यह मिट्टी से—मैं इससे बेहतर हूँ।”

यहीं से शुरू होती है उसकी बर्बादी, उसकी लानत, और इंसान-शैतान के बीच सदियों तक चलने वाली जंग।


🌟 इस पोस्ट का रोहानी असर

✔ इंसान को अल्लाह ने बे-हिसाब इज्ज़त से पैदा किया
✔ घमंड इंसान को शैतान के रास्ते पर ले जाता है
✔ इंसान की असल कीमत उसके इल्म, रूह और तअल्लुक-बिल्लाह में है
✔ अल्लाह का हर अम्र हिकमत से भरा हुआ है


🎧 🎤 AUDIO (Urdu + Hindi) – Nayyar Shaikh

इस पोस्ट में उसी असरअंगेज़ ऑडियो को भी एम्बेड किया गया है जिसमें तख़्लीक़-ए-आदम को एक दिल छू लेने वाले अंदाज़ में बयान किया गया है। आप सुनते हुए ऐसा महसूस करेंगे जैसे आप क़िस्सास-उल-अंबिया के पन्नों में चल रहे हों।

नीचे दिया गया ऑडियो हज़रत आदम (अ.स) की तख़्लीक़ का दिलकश बयान है, जो इमाम इब्न कसीर की किताब क़िस्सास-उल-अंबिया पर आधारित है।
इस ऑडियो को सुनकर इंसानियत की शुरुआत, आदम (अ.स) की तख़्लीक़ और अल्लाह की कुदरत और भी गहराई से महसूस होती है।

👇 Audio Player (Embed):

✨ दुआ 

बेटे आरिज़ अंसारी (16-August-2014 to 23-October-2025) के लिए सदक़ा-ए-जारीया

हम अपने प्यारे बेटे Aariz Ansari (Rahimahullah) की प्यारी याद में यह नेक ‘सदक़ा-ए-जारीया’ पेश करते हैं। अल्लाह ﷻ इस अमल को उसके लिए नूर, रहमत और मग़फ़िरत का ज़रिया बनाए। उसके क़ब्र को रोशन करे और उसे जन्नतुल फ़िरदौस में ऊँचा मुक़ाम अत़ा फरमाए।

ऐ अल्लाह! हमारे इस छोटे से अमल को कबूल फरमा, और इसे हमारे बेटे आरिज़ अंसारी के लिए इसे ऐसा सदक़ा-ए-जारीया बना दे जिसका अज्र क़यामत तक लिखा जाता रहे – आमीन।