Sahih Bukhari Hadith Number 1: आप (सल्ल०) फ़रमा रहे थे कि तमाम आमाल का दारोमदार नीयत पर है और हर अमल का नतीजा हर इन्सान को उसकी नीयत के मुताबिक़ ही मिलेगा। इसलिये जिसकी हिजरत (तर्के-वतन) दौलते-दुनिया हासिल करने के लिये हो या किसी औरत से शादी की ग़रज़ हो। इसलिये उसकी हिजरत उनही चीज़ों के लिये होगी जिनके हासिल करने की नीयत से उसने हिजरत की है।
Quran Message
Surah Al-Fatiha Hindi Version
सूरह अल-फ़ातिहा — हिंदी तरजुमा
1. बिस्मिल्लाहिर-रहमानिर-रहीम
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम करने वाला है।
2. अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
सारी तारीफ़ उसी अल्लाह के लिए है जो सारे जहानों का पालनहार है।
3. अर-रहमानिर-रहीम
जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम करने वाला है।
4. मालिकि यौमिद्दीन
जो रोज़-ए-जज़ा (क़यामत के दिन) का मालिक है।
5. इय्याक नअबुदु वा इय्याक नस्तईन
हम केवल तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद माँगते हैं।
6. इह्दिनस सिरातल मुस्तक़ीम
हमें सीधा रास्ता दिखा।
7. सिरातल्लज़ीना अनअम्ता अलैहिम ग़ैरिल मग़दूबि अलैहिम वलद्दाल्लीन
उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनआम किया—not उनका जिन पर ग़ज़ब हुआ और न भटके हुए लोगों का।
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