Qissa Sayyidena Adam (A.S.) – 1A | Takhliq-e-Qainat
📖 क़िस्सा सैय्यदना आदम (अ.स) – 1A | तख़्लीक़-ए-कायनात
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने पूरी कायनात को यूँ ही बे-मकसद नहीं बनाया, बल्कि एक महान उद्देश्य और हिकमत के साथ इसका आरंभ किया। तख़्लीक़-ए-कायनात का पहला चरण अल्लाह के नूरानी आदेश से शुरू हुआ। फिर आसमान, ज़मीन, पानी, हवा, फ़रिश्ते और जिन्नात पैदा किए गए।
जब सृष्टि का पूरा نظام तैयार हो गया, तब अल्लाह तआला ने इंसान को बनाने का फैसला किया — जिसे ज़मीन पर ख़लीफ़ा यानी प्रतिनिधि बनाया जाने वाला था।
🌍 तख़्लीक़-ए-कायनात का पहला दृश्य
अल्लाह तआला ने फ़रमाया:
“इन्नी जा'इलुन फिल-अर्दि ख़लीफ़ा”
(निश्चित ही मैं धरती पर एक प्रतिनिधि बनाने वाला हूँ)
फ़रिश्ते हैरान हुए, क्योंकि उन्होंने पहले जिन्नात को धरती पर फ़साद करते देखा था।
अल्लाह ने उत्तर दिया:
“इन्नी अ'लमु मा ला त'लमून”
(मैं वह जानता हूँ जो तुम नहीं जानते)
यह इस बात की दलील है कि इंसान को अल्लाह ने एक विशेष उद्देश्य, विशेष ज़िम्मेदारी और विशेष सम्मान के साथ बनाया।
🧡 हज़रत आदम (अ.स) की तख़्लीक़ – इंसानियत की शुरुआत
अल्लाह तआला ने हज़रत आदम (अ.स) को मिट्टी और गाद से बनाया।
फिर उस मिट्टी को इंसानी आकार में ढाला और मजबूत बनाया।
जब अल्लाह ने उसमें रूह फूँकी, तो वह मिट्टी का पुतला एक जीवित इंसान बन गया।
यही रूह वह महान अमानत है जिसकी वजह से इंसान को फ़रिश्तों पर श्रेष्ठता मिली।
👼 फ़रिश्तों का सज्दा और आदम (अ.स) का सम्मान
जब आदम (अ.स) की तख़्लीक़ पूरी हुई, तो अल्लाह ने सभी फ़रिश्तों को आदेश दिया:
“फ़सजदू इल्ला इब्लीस”
(सभी ने सज्दा किया, सिवाय इब्लीस के)
यह सज्दा इबादत का नहीं, बल्कि सम्मान का था।
इब्लीस ने घमंड किया और बोला:
“मैं आग से बना हूँ और वह मिट्टी से!”
यही घमंड उसकी बर्बादी और अल्लाह की लानत का कारण बना।
🌟 इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है?
✔ अल्लाह ने हर चीज़ एक उद्देश्य के साथ बनाई
✔ इंसान को धरती पर एक खास ज़िम्मेदारी दी गई
✔ घमंड इंसान को शैतान की राह पर ले जाता है
✔ आज्ञाकारिता इंसान को अल्लाह का क़रीबी बनाती है
🎧 ऑडियो वर्ज़न (1A)
यह पोस्ट तख़्लीक़-ए-कायनात और हज़रत आदम (अ.स) की शुरुआती तख़्लीक़ का एक रोशन और ईमान अफ़रोज़ परिचय है।
इसका ऑडियो संस्करण सुनकर विषय की गहराई और भी बढ़ जाती है।

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